![अधूरी एसीआर तो प्रमाणपत्र से खुलेगा प्रमोशन का द्वार](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2024/05/01/uttarakhand-meeting_9d5f14efa7e5fbb436ddaf6d4b8ff5d0.jpeg?w=750&dpr=1.0)
राज्य सरकार के हजारों कर्मचारी पात्र होने के बावजूद पदोन्नति से इसलिए वंचित हैं, क्योंकि विभागीय स्तर पर उनकी वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियां (एसीआर) अपूर्ण हैं। अधूरी एसीआर होने की वजह से विभागीय प्रोन्नति समितियां (डीपीसी) उनके प्रमोशन पर विचार नहीं कर पा रही है। तरक्की पाने के लिए पात्र अधिकारियों और कर्मचारियों को राहत देने के लिए कार्मिक विभाग ने एक रास्ता सुझाया है।
अपर मुख्य सचिव (कार्मिक) आनंद बर्द्धन ने सभी विभागों से यह अपेक्षा की है कि वे जिन पात्र कर्मचारियों की एसीआर अपूर्ण है, उस स्थिति में इस बात का प्रमाण पत्र दिया जा सकता है कि उस कर्मचारी के खिलाफ कोई अनुशासनिक कार्रवाई प्रचलित नहीं है। इस संबंध में उन्होंने सभी विभागों से अपने स्तर पर कार्रवाई करने को कहा है।
हालांकि कार्मिक अपर मुख्य सचिव ने प्रमाणपत्र का विकल्प विभागों के लिए एक विकल्प के तौर पर सुझाया है। लेकिन इसके लागू होने से हजारों पात्र कर्मचारियों को बड़ी राहत मिल सकती है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडेय के मुताबिक, परिषद की बार-बार मांग के बावजूद कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियां पूरी नहीं की जा रही हैं। हालांकि कर्मचारियों की सुविधा के लिए इसे अब ऑनलाइन कर दिया गया है। लेकिन अब भी विभागीय स्तर पर हीलाहवाली है, जिससे पात्र कर्मचारी प्रमोशन से वंचित हैं। उनका मानना है कि विभागीय स्तर पर प्रमाण पत्र एक सकारात्मक विकल्प है और विभागों को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
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